हौसलेमजबूत हो तो फिरचाहे परस्थतियाँ कैसी ही हो हमेंअपनी मंजिल तक पहुँचने सेनहीं रोक सकती।ऐसी ही कमल जैनकी सफलताकी कहानी हम लेकर आयेहैं आपके सामने। कमल जैन जिस कंपनी में काम किया करते थे आज उसीकंपनी वो उस कंपनीके पार्टनर हैं । कमल जैनआज उन सबके लिएप्रेरणा स्रोत हैं जो लोग अपनाबिज़नेस करना चाहते हैं या फिर किसीकम्पनी में सालों से काम कररहे हैं। कमल जैन का उसी कंपनीका पार्टनर बनना वाकय अपने आप में एकप्रेरणा हैं।
कौन हैं कमल जैन
कमलजैन एक उद्योगपति हैं। जोकी झारखण्ड की राजधानी रांचीमें कपड़ों का व्यवसाय करतेहैं। कमल जैन एमआर फैशन (MR Fashion )के पार्टनर हैं।कमल जैन ने झारखण्ड थोक वस्त्रविक्रेता संघ के सचिव कमलजैन के साथ सफलताकी बहुतसी सिड्डिया तय की हैंकमल जैन ने फ़िलहाल जनवरीमें अपना जन्मदिन मनाया था जिसमे इनकेद्वारा गरीबोंको उपहार बांटे गए थे। उपहारमें कमल जैन ने गरीबों कोखाने की समाग्री तथाअन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गयी थी।
कैसा रहा इनका बचपन
कमलजैन का जन्म 15 जनवरी1959 में बिहार के किशनगंज (जिसकानाम पहले पूर्णिया था )में हुआ था।कमल जैन के घर कीआर्थिक स्थिति बहुत ही ख़राब थी।इनके पिताजी गांव में ही आस पासमजदूरी करके घर चलाया करतेथे। साथ ही इनकी माताजी भी मजदूरी करकेघर चलती थी और सभीबच्चों का खर्चा चलतीथी।
कमलजैन ने अपनी प्रारम्भिकशिक्षा गाँव के ही सरकारीस्कूल से करि। कमलजैन बचपन से ही पढ़ाईके प्रति रूचि रखते थे। लेकिन इनकी जिंदगी बचपन में ऐसे पल आये जिससे इनको लगाने लगा था की वोआगे की पढ़ाई नहींकर पाएंगे। लेकिन कमल के घर कीआर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर भी कमलको आगे की पढ़ाई केलिए अपने मौसा के पास केपास भेज दिया। सन 1977 वो आँखों मेंआसमा में उड़ने के बड़े लिएअपने मौसा के पास अपनेगाँव से रांची आगए। जहां महेमान आजकल के ज़माने में2 – 3 दिन बाद लोगों को एक भारलगने लग जाता हैं।वहां उस ज़माने मेंकमल को अपने मौसासे पूरी तरह से सहायता मिलरही थी।
जहांकमल के मौसा जीरहेने और खाने में तो सहयोग करही रहे थे साथ हीकमल को अपने साथकाम करवाते थे जिसके वो50 रूपये दिया करते थे। अब कमल कोखर्चे की चिंता नहींथी जिसके बाद इन्होने आगे की पढ़ाई केलिए मारवाड़ी कॉलेज में दाखिला ले लिया। सन1981 तक इन्होने अपनी कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरीकर ली।
कंपनी के सहमालिक कैसे बने
जबकमल ने अपनी ग्रेजुएशनपूरी कर ली उसकेबाद ये एमआर फैशनमें काम करने लगे। कॉमर्स सेक्टर से होने केकारण इनको कंपनी में काम करते हुए काफी फायदा मिला। ये लम्बे समयतक अपनी महेनत ,धर्ये ,लगन ,ईमानदारी से इसीकंपनी में काम करतेरहे।जिस वजह से कम्पनी केहर काम से वाकिफ होगए और मालिक कीनज़रों में भी आ गए।जिस कारण ये आज ऐसीकंपनी में सहमालिक का दर्जा रखतेहैं जिस कंपनी में ये कभी कामकिया करते थे।